X, Y और Y+ सहित 6 तरह की होती है कैटेगरी, प्रधानमंत्री को दी जाती है एसपीजी

भड़काऊ भाषण को लेकर सुर्खियों में चल रहे भाजपा नेता कपिल मिश्रा को दिल्ली पुलिस ने वाई प्लस सुरक्षा प्रदान की है। इस सुरक्षा के तहत कपिल मिश्रा को 24 घंटे दिल्ली पुलिस का एक सिपाही मिला है। कपिल मिश्रा को यह सुरक्षा उन्हें मिली धमकियों के कारण दी गई है। खुफिया ब्यूरो की ओर से सुरक्षा संबंधी खतरों को देखते हुए देश के वीवीआईपी और अन्य क्षेत्रों के लोगों को यह सुरक्षा दी जाती है। सुरक्षा व्यवस्था को भी कई श्रेणियों में बांटा गया है। जैसे एक्स, वाय, वाय प्लस, जेड, जेड प्लस और एसपीजी सुरक्षा। हम आपको इन्हीं सुरक्षा श्रेणियों के बारे में बता रहे हैं।



एक्स श्रेणी की सुरक्षा: इस श्रेणी में 2 सुरक्षा गार्ड तैनात होते हैं। जिसमें एक पीएसओ (व्यक्तिगत सुरक्षा अधिकारी) होता है।



वाई श्रेणी की सुरक्षा: इसमें कुल 11 सुरक्षाकर्मी शामिल होते हैं। जिसमें दो पीएसओ (निजी सुरक्षागार्ड) भी होते हैं। इस श्रेणी में कोई कमांडो नहीं तैनात होता है।



वाई प्लस श्रेणी सुरक्षा: इसमें 11 सुरक्षाकर्मी मिले होते हैं। इनमें 1 या 2 कमांडो और 2 पीएसओ भी शामिल होते है। इस सुरक्षा के तहत कपिल मिश्रा को 24 घंटे दिल्ली पुलिस का एक सिपाही बतौर निजी सुरक्षा अधिकारी के तौर पर मिला है।



जेड श्रेणी की सुरक्षा: जेड श्रेणी की सुरक्षा में चार से पांच एनएसजी कमांडो सहित कुल 22 सुरक्षागार्ड तैनात होते हैं। इसमें दिल्ली पुलिस, आईटीबीपी या सीआरपीएफ के कमांडो व स्थानीय पुलिसकर्मी भी शामिल होते हैं।



जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा: स्पेशल प्रोटक्शन ग्रुप की सुरक्षा के बाद जेड प्लस भारत की सर्वोच्च सुरक्षा श्रेणी है। इस श्रेणी में संबंधित विशिष्ट व्यक्ति की सुरक्षा में 36 जवान लगे होते हैं। इसमें 10 से ज्यादा एनएसजी कमांडो के साथ दिल्ली पुलिस, आईटीबीपी या सीआरपीएफ के कमांडो और राज्य के पुलिसकर्मी शामिल होते हैं। 



स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) सुरक्षा: यह सुरक्षा का सबसे ऊंचा स्तर है। ये देश की सबसे पेशेवर एवं आधुनिकतम सुरक्षा बलों में से एक है। इसकी शुरुआत इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1985 में की गई थी। यह सुरक्षा प्रधानमंत्री या पूर्व प्रधानमंत्री को दी जाती है। 



किसे दी जाती है सुरक्षा?
देश के सम्मानित लोगों और पॉलिटिशियंस को जान का खतरा है तो उसे इनमें से कोई एक सिक्युरिटी दी जाती है। ये सुरक्षा मिनिस्टर्स को मिलने वाली सिक्युरिटी से अलग होती है। इसमें पहले सरकार को इसके लिए एप्लीकेशन देनी होती है, जिसके बाद सरकार खुफिया एजेंसियों के जरिए होने वाले खतरे का अंदाजा लगाती हैं। खतरे की बात कंफर्म होने पर सुरक्षा दी जाती है। होम सेक्रेटरी, डायरेक्टर जनरल और चीफ सेक्रेटरी की कमेटी ये तय करती है कि संबंधित लोगों को किस कैटेगरी में सिक्युरिटी दी जाए।



कौन देता है सिक्युरिटी ?
पुलिस के साथ-साथ कई एजेंसीज वीआईपी और वीवीआईपी को सिक्युरिटी कवर दे रही हैं। इनमें स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप यानी एसपीजी, एनएसजी, आईटीबीपी और सीआरपीएफ शामिल हैं। हालांकि, खास लोगों की सुरक्षा का जिम्मा एनएसजी के कंधों पर ही होता है, लेकिन जिस तरह से जेड प्लस सिक्युरिटी लेने वालों की संख्या बढ़ी है, उसे देखते हुए सीआईएसएफ को भी यह काम सौंपा जा रहा है।